NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 5 Mithaiwala

Class 7 Hindi Chapter 5 Mithaiwala

Class 7 Hindi Chapter 5 Mithaiwala, भगवती प्रसाद वाजपेयी द्वारा रचित इस कहानी में उस व्यक्ति का मर्मस्पर्शी वर्णन है, जो खिलौने वाले, मुरली वाले और मिठाई वाले के रूप में बच्चों के बीच आता है। उन्हें खिलौने, मुरली और मिठाई की गोलियाँ बेचकर खुशियाँ देता है और उनके बीच रहकर अपने दु:ख कम करने की कोशिश करता है।

मिठाईवाला (भगवतीप्रसाद वाजपेयी)

कठिन शब्दार्थ

स्नेहाभिषिक्त = स्नेह से परिपूर्ण । अन्तर्व्यापी = बीच में स्थित । इछका = इसका। हिलोर = लहर। पुलकित = प्रसन्न। निरखती = देखती। मृदुल = मधुर। अप्रतिभ = उदास। दस्तूर = नियम, रिवाज । दुअन्नी = दो आने। क्षीण = कमजोर। आजानुलंबित = घुटनों तक लम्बे। ओट में = छिपकर। जायकेदार = मज़ेदार।। पोपला मुँह = जिस मुँह में दाँत न हों। चाव = रुचि। संशय = सन्देह । विस्मय = ताज्जुब । अस्थिर = बेचैन। उत्सुक = जिज्ञासु। प्रतिष्ठित = सम्मानित । सोने का संसार = सुखमय संसार। अठखेलियाँ = बच्चों के क्रियाकलाप । तत्काल = तुरन्त । मृदुल = कोमल।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

कहानी से

प्रश्न 1. मिठाईवाला अलग-अलग चीजें क्यों बेचता था। और वह महीनों बाद क्यों आता था?

उत्तर- मिठाईवाला अलग-अलग चीजें इसलिए बेचता था जिससे बच्चों में उसकी वस्तुओं के प्रति आकर्षण बना रहे, क्योंकि एक ही प्रकार की वस्तु बेचते रहने से उसके प्रति बच्चों का आकर्षण भी कुछ कम हो जाता है और बच्चे भी उसी चीज को खरीदने में कम रुचि लेने लगते हैं। वह महीनों बाद इसलिए आता था, क्योंकि उसे सामान बेचने और पैसे कमाने का कोई लालच नहीं था। वह तो दुसरों के बच्चों में अपने बच्चों की झलक पाकर सुख का  अनुभव किया करता था।

प्रश्न 2. मिठाई वाले में वे कौन से गुण थे, जिनकी वजह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते  थे?

उत्तर- मिठाई वाला अपनी चीजों को मधुर आवाज में गा-गाकर सस्ते दामों में बेचता था। वह नई-नई वस्तुएँ लाकर बच्चों के बीच आता था। वह अत्यन्त विनम्र और मृदुभाषी था। पैसे न होने पर भी बच्चों को चीजें दे देता था। जिसके कारण बच्चे ही नहीं, बड़े भी उसकी ओर आकर्षित हो जाते थे।

प्रश्न 3. विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरली वाला एक विक्रेता। दोनों अपने-अपने पक्ष में क्या तर्क पेश करते है?

उत्तर- दोनों अपने-अपने पक्ष में निम्न प्रकार तर्क पेश करते हैं— मुरलीवाला कहता है कि “मुरली दी तो वैसे तीन-तीन पैसे के हिसाब से है, पर आपको दो-दो पैसे में ही दूँगा।” यह बात सुनकर विजय बाबू ने तर्क दिया कि “तुम लोगों की झूठ बोलने की आदत होती है। देते होंगे सभी को दो-दो पैसों में, पर एहसान का बोझा मेरे ऊपर ही लाद रहे हो।

“विजय बाबू के तर्क को सुनकर मुरलीवाला बोला-“आपको क्या पता बाबूजी कि इनकी असली लागत क्या है? यह तो ग्राहकों का दस्तूर होता है कि दुकानदार चाहे हानि उठाकर चीज क्यों न बेचे, पर ग्राहक यही समझते हैं दुकानदार मुझे लूट रहा है। आप भला काहे को विश्वास करेंगे? लेकिन सच पूछिए तो बाबूजी, असली दाम दो ही पैसा है। आप कहीं से दो पैसे में ये मुरली नहीं पा सकते । मैंने तो पूरी एक हजार बनवाई थीं, तब मुझे इस भाव पडी हैं।”

प्रश्न 4. खिलौने वाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी?

उत्तर- खिलौने वाले की मधुर और सुरीली आवाज सुनकर बच्चों में हलचल मच जाती थी। वे अपने खेलों को छोड़कर घरों, गलियों और उद्यानों से उसके पास खिंचे चले आते थे। इस हड़बड़ी में किसी की टोपी गिर जाती थी तो किसी के जूते उद्यान में ही छूट जाते थे।

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प्रश्न 5. रोहिणी को मुरली वाले के स्वर से खिलौने वाले का स्मरण क्यों हो आया?

उत्तर- रोहिणी को मुरली वाले के स्वर में खिलौने वाले का स्मरण इसलिए हो आया, क्योंकि मुरलीवाला भी खिलौनेवाले की तरह ही मधुर और मादक आवाज में मुरलियाँ बेच रहा था।

प्रश्न 6. किसकी बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था? उसने इन व्यवसायों के अपनाने का क्या कारण बताया?

उत्तर- रोहिणी की बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था। उसने इन व्यवसायों के अपनाने का कारण यह बतलाया कि इन बच्चों को देखकर उसे अपने खोए बच्चों की एक झलक मिल जाती है जिससे असीम सुख की प्राप्ति होती है।

प्रश्न 7. “अब इस बार ये पैसे न लँगा”-कहानी के अन्त में मिठाई वाले ने ऐसा क्यों कहा?

उत्तर- मिठाईवाला रोहिणी की बात सुनकर भावुक हो उठा था। उसे अपने बीते सुखमय पारिवारिक जीवन की याद आ गयी थी। उसे लगा था कि जिस भाव से ये दोनों बच्चे मिठाइयाँ माँग रहे हैं, उसी प्रकार मेरे बच्चे भी माँगते थे। इस भाव से प्रेरित होकर उसने चुन्नू-मुन्नू को मिठाई से भरी  एक-एक पुड़िया दी और अपने बच्चों को याद कर उसका मन भर आया।

प्रश्न 8. इस कहानी में रोहिणी चिक के पीछे से बात करती है। क्या आज भी औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं? यदि करती हैं तो क्यों? आपकी राय में क्या यह सही है?

उत्तर- शिक्षा के प्रसार और आधुनिकीकरण के कारण समाज में बदलाव आया है जिसके कारण स्त्री-पुरुष बराबर के  अधिकारी हो गये हैं। अतः चिक के पीछे से बात करने का  प्रश्न ही नहीं उठता?  लेकिन फिर भी हमारे देश के कुछ  पिछड़े इलाके अब भी ऐसे हैं, जहाँ स्त्री को परदे के पीछे से बात करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। हमारी राय में यह गलत है, क्योंकि उनको भी शर्म-लिहाज छोडकर समाज में बराबरी की बात सोचनी चाहिए।

कहानी से आगे

प्रश्न 1. मिठाई वाले के परिवार के साथ क्या हुआ होगा? सोचिए और इस आधार पर एक और कहानी बनाइए।

उत्तर- मिठाई वाले का परिवार अवश्य ही किसी दर्घटना  का शिकार हुआ होगा। कहानी- शिक्षकजी की सहायता से स्वयं बनाइए।

प्रश्न 2. हाट-मेले, शादी आदि आयोजनों में कौन-कौन  सी चीजें आपको सबसे ज्यादा आकर्षित करती हैं? उनको सजाने-बनाने में किसका हाथ होगा? उन चेहरों के बारे में लिखिए।

उत्तर- हाट-मेले, शादी आदि आयोजनों में हमें मिठाइयाँ, चाट, गोल-गप्पे, आलू की टिकिया आदि सबसे अधिक आकर्षित करती हैं। उनको बनाने-सजाने में विभिन्न पाक कला विशेषज्ञों का हाथ होता है। उन चेहरों के बारे में यही कहा जा सकता है कि उनके चेहरों पर परिश्रम झलकता है  और वे पाक कला में निपुण दिखाई पड़ते हैं।

प्रश्न 3. इस कहानी में मिठाई वाला दूसरों को प्यार और खुशी देकर अपना दुःख कम करता है। इस मिजाज की और कहानियाँ, कविताएँ दूँढ़िए और पढ़िए।

उत्तर- पुस्तकालय से इस तरह की कहानियाँ, कविताएँ  ढूँढ़कर पढ़िए।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1. आपकी गलियों में कई अजनबी फेरीवाले आते  होंगे। आप उनके बारे में क्या-क्या जानते हैं? अगली बार जब आपकी गली में कोई फेरीवाला आए तो उससे बातचीत कर जानने की कोशिश कीजिए।

उत्तर- मैं जयपुर में रहता हूँ। हमारी गली में कई फेरी वाले  आते हैं। एक बार सर्दियों के दिनों में एक कश्मीरी शाल बेचने वाला आया। हमने उससे एक शाल खरीदी। उससे बातचीत थोड़ी बढ़ी तो उसने बताया कि उसका भी एक बड़ा शोरूम था। नौकर-चाकर थे। लेकिन एक आतंकी हमले में सब कुछ नष्ट हो गया। अब उसके कुछ भी नहीं बचा था। अपना व अपने परिवार का पेट पालने के लिए अब वह फेरी लगा कर शाल बेचता है।

प्रश्न 2. आपके माता-पिता के जमाने से लेकर अब तक फेरी की आवाजों में कैसा बदलाव आया है? बड़ों से पूछकर लिखिए।

उत्तर- हमारे माता-पिता बताते हैं कि उनके जमाने में ज्यादातर सामान फेरी वालों से ही खरीदा जाता था। हर फेरीवाले की आवाज की अपनी विशेषता होती थी तो कई फेरीवाले कुछ-कुछ बजाकर भी अपनी ओर ध्यान आकृष्ट करते थे। लेकिन अब बदलते समय के साथ सब कुछ बदल गया है। अब या तो फेरीवाले आते ही नहीं हैं और यदि आते भी हैं। तो उनकी आवाज का आकर्षण समाप्त हो गया है। अब वे पूर्व में रिकॉर्ड की हुई आवाज ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से बजाते हैं।

प्रश्न 3. आपको क्या लगता है-वक्त के साथ फेरी के स्वर कम हुए हैं? कारण लिखिए।

उत्तर- यह सही है कि वक्त के साथ फेरी के स्वर कम हुए हैं, क्योंकि अब फेरीवालों से सामान खरीदने में लोगों रुचि समाप्त हो गई है।

भाषा की बात

प्रश्न 1. मिठाईवाला    बोलनेवाली गुड़िया

ऊपर ‘वाला’ का प्रयोग है। अब बताइये कि-

(क) ‘वाला’ से पहले आने वाले शब्द संज्ञा, सर्वनाम विशेषण आदि में से क्या हैं?

(ख) ऊपर लिखे वाक्यांशों में उनका क्या प्रयोग है?

उत्तर-

(क) ‘वाला’ से पहले आने वाला शब्द ‘मिठाई’ संज्ञा है और ‘बोलने वाली’ विशेषण है। जबकि गुड़िया शब्द संज्ञा है जो प्रकट करता है-वह गुड़िया जो बोलती है।

(ख) ऊपर लिखे वाक्यांशों में उनका प्रयोग संज्ञा और विशेषण के रूप में है।

प्रश्न 2. “अच्छा मुझे ज्यादा वक्त नहीं, जल्दी से दो ठो निकाल दो।”

उपर्युक्त वाक्य में ‘ठो’ के प्रयोग की ओर ध्यान दीजिए। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार की भाषाओं में इस शब्द का प्रयोग संख्यावाची शब्द के साथ होता है, जैसे, भोजपुरी में- एक ठो लइका, चार ठे आलू, तीन ठे बटुली।

ऐसे शब्दों का प्रयोग भारत की कई अन्य भाषाओं/बोलियों में भी होता है। कक्षा में पता कीजिए किस-किस की भाषा-बोली में ऐसा है। इस पर सामूहिक बातचीत कीजिए।

उत्तर- कक्षा में अध्यापक की सहायता से छात्र स्वयं करें। झारखंड की हिंदी, बंगला तथा असमी भाषा में भी ठो का प्रयोग होता है।

प्रश्न 3. “वे भी, जान पड़ता है, पार्क में खेलने निकल गए हैं।”

“क्यों भई, किस तरह देते हो मुरली?”

“दादी, चुनू-मुनू के लिए मिठाई लेनी है। जरा कमरे में  चलकर ठहराओ।”

उत्तर- “लगता है वे भी पार्क में खेलने चले गए हैं।”।

“क्यों भई, यह मुरली कितने की है?”

“दादी, चुन्नू-मुन्नू को मिठाई चाहिए जरा उसे कमरे में बुलाओ।”

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. चिकों को उठाकर छज्जों पर नीचे की ओर झाँकने लगती थीं-

(क) बच्चे

(ख) युवतियाँ

(ग) बूढ़ी औरतें

(घ) घर की बहुएँ।  

प्रश्न 2. एक मुरली का दाम था-

(क) एक-एक पैसा

(ख) दो-दो पैसा

(ग) दुअन्नी

(घ) इकन्नी।

प्रश्न 3. विजय बाबू और मुरली वाले का संबंध था-

(क) मित्रता का

(ख) पड़ोसी का

(ग) क्रेता-विक्रेता का

(घ) भाई-भाई का।

प्रश्न 4. ‘पेट जो न कराए, सो थोड़ा’ यह सोच है-

(क) मुरली वाले की

(ख) रोहिणी की

(ग) दादी माँ की

(घ) विजय बाबू की।

प्रश्न 5. बच्चों से इतने प्यार से बातें करने वाला पहले कभी नहीं आया था-

(क) फेरी वाला

(ख) मुरली वाला

(ग) खिलौने वाला

(घ) मिठाई वाला।

उत्तर- 1. (ख) 2. (ख) 3. (ग) 4. (ख) 5. (क)

रिक्त स्थानों की पूर्ति

प्रश्न 6. रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक में दिए गये सही शब्दों से कीजिए-

(क) नगर भर में …………. दिनों से एक मुरली वाले के आने का समाचार फैल गया। (दो-चार/तीन-चार)

(ख) रोहिणी उठकर अपने …………………….  विजय बाबू के पास गई। (पिता/पति)

(ग) अभी इतनी जल्दी हम कहीं ………………  थोड़े ही जाएँगे। (लौट/चले)

(घ) बच्चे बड़े ……………………. से चूसते हैं। (प्यार/चाव)

उत्तर-

(क) दो-चार

(ख) पति

(ग) लौट

(घ) चाव।

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 7. चुन्नू-मुन्नू क्या लेकर घर भर में उछलने लगे थे?

उत्तर- चुन्नू-मुन्नू अपने हाथी-घोड़े लेकर, घर भर में उछलने लगे थे।

प्रश्न 8. मुरली वाला पहले क्या बेचा करता था?

उत्तर- मुरलीवाला पहले खिलौने बेचा करता था।

प्रश्न 9.”मुरली वाले का मृदुल मादक स्वर सुनाई पड़ता था।” वह स्वर क्या था?

उत्तर- वह स्वर था—”बच्चों को बहलाने वाला मुरलिया वाला।”

प्रश्न 10. मिठाईवाला अपने मन की व्यथा किसे सुना रहा था?

उत्तर- मिठाईवाला अपने मन की व्यथा रोहिणी व दादी को सुना रहा था।

प्रश्न 11. मिठाईवाला अपने व्यवसाय में पैसों को कम महत्त्व क्यों देता था?

उत्तर- बच्चों को खुश देखकर उसे आत्म-सन्तष्टि मिलती थी। इसलिए वह पैसों को कम महत्व देता था।

प्रश्न 12. मिठाईवाला एक पैसे की कितनी गोलियाँ देता था?

उत्तर- मिठाईवाला एक पैसे की सोलह गोलियाँ देता था।

प्रश्न 13. मिठाईवाला हर्ष से गदगद क्यों हो उठा था?

उत्तर- अपने आसपास छोटे-छोटे बच्चों का झंड देखकर मिठाईवाला हर्ष से गदगद हो उठा था।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 14. ‘मिठाईवाला’ पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती  है?

उत्तर- ‘मिठाईवाला’ पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती है कि किसी का दु:ख बाँटना ही मनुष्यता है। जैसे रोहिणी मिठाई वाले की कहानी सुनकर द्रवित हो उठती है।

प्रश्न 15. मिठाई वाले के बच्चे कैसे थे?

उत्तर- मिठाई वाले के बच्चे सरल स्वभाव के एवं सुन्दर थे। वे देखने में सोने के सजीव खिलौने जैसे लगते थे।

प्रश्न 16. मिठाई वाले की क्या व्यथा थी?

उत्तर- उसकी पत्नी और बच्चे एक हादसे में खत्म हो गये, यही मिठाई वाले की व्यथा थी।

प्रश्न 17. मुरली वाले के बारे में लोग क्या कहा करते थे?

उत्तर- मुरली वाले के बारे में लोग यह कहा करते थे कि  यह मुरली बजाने में उस्ताद है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 18. रोहिणी मिठाईवाले के बारे में जानने के लिए उत्सुक क्यों थी?

उत्तर- मिठाईवाला (Mithaiwala) पहली बार खिलौने लेकर आया था तथा  उसने बच्चों को सस्ते में खिलौने दिये थे। फिर वह मुरली  बेचने आया था और अब मिठाईवाला बनकर आया। अबकी  बार रोहिणी यह जान लेना चाहती थी कि वह लागत से कम कीमत पर वस्तुएँ क्यों देता है और उसका बच्चों से घुलमिल जाने का क्या कारण है?

प्रश्न 19. ‘मिठाईवाला’ कहानी का उद्देश्य लिखिए।

उत्तर- ‘मिठाईवाला’ कहानी के माध्यम से कहानीकार यह बताना चाहता है कि मनुष्य अपने दुःख के समय में भी दूसरों के प्रति अपने मन में परोपकार की भावना रखता है तो उसे मानसिक सुख और शान्ति प्राप्त होती है। जैसे मिठाईवाला अपनी खट्टी, मीठी गोलियाँ बेचकर बच्चों  को खुश करता है और अपना पेट भी भरता है। अपने खोये हुए बच्चों और पत्नी के दु:ख को दूसरे बच्चों के चेहरे को खुश देखकर भूल जाता। उन बच्चों में ही अपने बच्चों की झलक देख कर खुश हो जाता।

गद्यांश पर आधारित प्रश्न

प्रश्न 20. निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए

(1) NCERT Solutions for Class 7 Hindi

इस अधूरे वाक्य को वह ऐसे विचित्र, किंतु मादक-मधुर ढंग से गाकर कहता है कि सुननेवाले एक बार अस्थिर हो उठते। उसके स्नेहाभिषिक्त कंठ से फूटा हुआ गान सुनकर निकट के मकानों में हलचल मच जाती। छोटे-छोटे बच्चों को अपनी गोद में लिए युवतियाँ चिकों को उठाकर छज्जों पर नीचे झाँकने लगतीं। गलियों और उनके अंतर्व्यापी छोटे-छोटे उद्यानों में खेलते और इठलाते हुए बच्चों का झुंड उसे घेर लेता और तब वह खिलौनेवाला वहीं बैठकर खिलौने की पेटी खोल देता।

प्रश्न-

(क) यह गद्यांश जिस पाठ से लिया गया है, उसके लेखक का नाम लिखिए।

(ख) किसका स्वर सुनकर मकानों में हलचल मच जाती थी?

(ग) खिलौने वाले का स्वर सुनकर युवतियाँ क्या करती थीं?

(घ) बच्चों से घिर जाने पर खिलौने वाला क्या करता था?

उत्तर-

(क) लेखक का नाम है—भगवती प्रसाद वाजपेयी।

(ख) खिलौने वाले का मधुर स्वर सुनकर मकानों में हलचल मच जाती थी।

(ग) खिलौने वाले का स्वर सुनकर युवतियाँ चिकों को उठाकर छज्जों से नीचे झाँकने लगती थीं।।

(घ) बच्चों से घिर जाने पर खिलौनेवाला वहीं बैठकर  खिलौनों की पेटी खोल देता था।

(2) NCERT Solutions for Class 7 Hindi

मुरलीवाला एकदम अप्रतिभ हो उठा। बोला-“आपको क्या पता बाबूजी कि इनकी असली लागत क्या है! यह तो ग्राहकों का दस्तूर होता है कि दुकानदार चाहे हानि उठाकर चीज़ क्यों न बेचे, पर ग्राहक यही समझते हैं- दुकानदार मुझे लूट रहा है। आप भला काहे को विश्वास करेंगे? लेकिन सच पूछिए तो बाबूजी, असली दाम दो ही पैसा है। आप कहीं से दो पैसे में ये मुरली नहीं पा सकते। मैंने तो पूरी एक हजार बनवाई थीं, तब मुझे इस भाव पड़ी हैं।” विजय बाबू बोले-“अच्छा, मुझे ज्यादा वक्त नहीं, जल्दी से दो ठो निकाल दो।”

प्रश्न-

(क) मुरलीवाला अप्रतिम क्यों हो उठा?

(ख) मुरलीवाले के अनुसार ग्राहकों का क्या दस्तूर होता हैं?

(ग) विजय बाबू ने कितनी मुरलियाँ खरीदीं?

(घ) मुरलीवाले को किस भाव में मुरली मिली थीं?

उत्तर-

(क) विजय बाबू की तीखी प्रतिक्रिया सनकर  मुरलीवाला अप्रतिम हो उठा।

(ख) ग्राहकों का दस्तूर होता है कि दुकानदार चाहे हानि उठाकर चीजें बेचे, पर वे समझते हैं कि दुकानदार उन्हें लूट  रहा है।

(ग) विजय बाबू ने दो मुरलियाँ खरीदीं।

(घ) मुरलीवाले को एक मुरली दो पैसे के भाव से मिली थी।

(3) NCERT Solutions for Class 7 Hindi

प्राण निकाले नहीं निकले। इसलिए अपने उन बच्चों की खोज में निकला हूँ। वे सब अंत में होंगे, तो यहीं कहीं। आखिर, कहीं न जनमे ही होंगे। उस तरह रहता, घुल-घुलकर मरता। इस तरह सुख-संतोष के साथ मरूँगा। इस तरह के जीवन में कभी-कभी अपने उन बच्चों की एक झलक-सी मिल जाती है। ऐसा जान पड़ता है, जैसे वे इन्हीं में उछल-उछलकर हँस-खेल रहे हैं। पैसों की कमी थोड़े ही है, आपकी दया से पैसे तो काफ़ी हैं। जो नहीं है, इस तरह उसी को पा जाता है।”

प्रश्न-

(क) यह गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?

(ख) ‘घुल-घुल कर मरना’ मुहावरे का अर्थ लिखिए।

(ग) मिठाई वाले के पास किसकी कमी नहीं है?

(घ) मिठाईवाला अपने बच्चों की झलक किनमें देखता है?

उत्तर-

(क) यह गद्यांश ‘मिठाईवाला’ शीर्षक पाठ से लिया गया है।

(ख) ‘घुल-घुल कर मरना’ मुहावरे का अर्थ है— दु:ख सहते हुए मरना।

(ग) मिठाई वाले के पास पैसों की कमी नहीं थी।

(घ) मिठाईवाला अपने बच्चों की झलक दूसरे बच्चों में देखता था।

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